जग की ऊँच नीच ने "शांतनु" पानी का रुख मोड़ दिया .....तेरी मिल तो वहीं खड़ी है, मेरी फसलें डूब गई....... जग की ऊँच नीच ने "शांतनु" पानी का रुख मोड़ दिया .....तेरी मिल तो वहीं खड़ी है, म...
राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये। पर सीता की पीर को ना समझ पाये। राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये। पर सीता की पीर को ना समझ पाये।
किसी एक देश के अनुभव में किसी एक देश के अनुभव में
कवि ने किया इस्तेमाल वो पकड़ा गया वो कवि आवारागर्दी के अपराध में बीच-बाज़ार, बीच-सड़क, बीच-सत्यनिष्ठा ... कवि ने किया इस्तेमाल वो पकड़ा गया वो कवि आवारागर्दी के अपराध में बीच-बाज़ार, बीच-...
जो मुझे अभी छोड़ना नहीं चाहते हैं। बार- बार मनोज कहकर पुकारते हैं। जो मुझे अभी छोड़ना नहीं चाहते हैं। बार- बार मनोज कहकर पुकारते हैं।
फागुन के रंग में रंग जाओ, इस बरस तुम आओ मेरे अँगना। फागुन के रंग में रंग जाओ, इस बरस तुम आओ मेरे अँगना।